रीवेट जोड़ो का अभिकल्पन
रिवेट जोड़ो का अभिकल्पन निम्न चरणों में किया जाता है।
1 प्लेट की मोटाई के अनुसार रीवेट व्यास निश्चित करना।
2 अधिकतम सामर्थ्य के लिए रीवेट पिच या जोड़ में रिवेटो की संख्या निश्चित करना।
3 विशिष्टयो के अनुसार जोड़ के परिमापो को निर्धारित करना।
4 अभिकल्पित जोड़ की सामर्थ्य के लिए जांच करना ।
(1) प्लेट की मोटाई के अनुसार रीवेट व्यास निश्चित करना
सामान्यत: रिवेट का व्यास प्लेट की मोटाई के अनुसार अनविन सूत्र (unwin's formula) द्वारा ज्ञात किया जाता है।
रिवेट व्यास ϕ = 6.05√t
जहां t = प्लेट की मोटाई है।
रिवेट का सकल व्यास d = ϕ+ 1.5mm( जब रिवेट 25 mm तक हो)
रिवेट का सकल व्यास d= ϕ+2mm ( जब रिवेट 25 mm से बड़ा हो )
(2) अधिकतम सामर्थ्य के लिए रीवेट पिच या जोड़ में रिवेटो की संख्या निश्चित करना।
जोड़ की पिच लम्बाई निकालने के लिए निम्न में से न्यूनतम सामर्थ्य पर विचार किया जाता है।
(i) तनन सामर्थ्य Pt=(p-d).t.ft
(ii) अपरूपण सामर्थ्य Ps=(π/4)d^2.fs ( एकल कर्तन)
Ps=2(π/4)d^2fs (दोहरे कर्तन के लिए)
(iii) धारण सामर्थ्य Pb=d.t.fb
Ps और Pb मे से जो भी न्यून तम होगा उसे Pt के बराबर करके पिच ज्ञात कर लेंगे।
अर्थात Ps या Pb = Pt
हम जानते है की Ps=(π/4).d^2.fs
और Pt=(p-d).t.ft
इस प्रकार
(π/4).d^2.fs =(p-d).t.ft से p ka मान निकाल लेंगे
रिवेटो के लिए अनुज्ञेय प्रतिबल
शक्ति चालित शॉप रीवेट के लिए -
अक्षीय तनन प्रतिबल- 100N/mm^2
अपरूपण प्रतिबल- 100N/mm^2
धारण प्रतिबल- 300N/mm^2
शक्ति चालित स्थल रीवेट के लिए -
अक्षीय तनन प्रतिबल- 90N/mm^2
अपरूपण प्रतिबल- 90N/mm^2
धारण प्रतिबल- 270N/mm^2
नोट शक्ति चालित शॉप रिवेट से शक्ति चालित स्थल रिवेट तीनों प्रतिबलो का मान 10% कम होता है।
रिवेट जोड़ में रिवेटो की संख्या
पिच ज्ञात करने के बाद रिवेट लगाए जाते है। रिवेट लगाने से पहले रिवेटो की संख्या निम्न अनुसार निकाला जा सकता है।
n= F/R
जहां n= रिवेटो की संख्या हैं
F= जोड़ पर आने वाला भार
R= रिवेट मान अथवा रिवेट सामर्थ्य
रिवेट मान
ये रिवेट द्वारा वहन किया जाने वाला अधिकतम भार है।इससे अधिक भार आने पर रिवेट विफल हो जायेगा।
रिवेट या तो अपरूपण में विफल होगा या धारण में इसी कारण अपरूपण सामर्थ्य और धारण सामर्थ्य में से जिसका मान कम होगा वही रिवेट के लिए रिवेट मान कहलाएगा।
विशिष्टयो के अनुसार जोड़ के परिमापों का निर्धारण।
(1) रिवेट का सकल व्यास
रिवेट का सकल व्यास d = ϕ+ 1.5mm( जब रिवेट 25 mm तक हो)
रिवेट का सकल व्यास d= ϕ+2mm ( जब रिवेट 25 mm से बड़ा हो )
जहां ϕ= रिवेट का सामान्य व्यास है।
(2) रिवेट पिच
(a) न्यूनतम पिच
रिवेट रेखा पर स्थित दो क्रमागत रिवेटो के केंद्र से केंद्र तक की दूरी रिवेट के सामान्य व्यास के 2.5 गुना से कम नहीं होना चाहिए।
(b) अधिकतम पिच
सभी रिवेटो के लिए 32t अथवा 300mm जो भी कम हो ,से अधिक नही होना चाहिए ।
तनन उपांगो के लिए 16t अथवा 200mm, जो भी कम हो
संपीडन उपांगो के लिए 12t अथवा 200mm, जो भी कम हो।
जोड़ की सामर्थ्य के लिए जांच
Problem - 10 mm मोटी दो प्लेटो को एकल रिवेट लैप जोड़ द्वारा जोड़ने के लिए रिवेट जोड़ का अभिकल्पन करे।
अनुज्ञेय तनन प्रतिबल ft=150 N/mm^2
अनुज्ञेय अपरुपण् प्रतिबल= 90 N/mm^2
अनुज्ञेय धारण प्रतिबल= 270 N/mm^2
Solution
प्लेट की मोटाई,t=10mm
अनविन सूत्र से रिवेट व्यास = 6.05√t
= 6.05√10mm
=19.13 mm ~20mm
अत: 20 mm के रिवेट का प्रयोग करने पर
सकल व्यास= (20+1.5)mm
=21.5mm
अब इस रिवेट के साथ पिच की लंबाई निकालेगे
अपरुपण् सामर्थ्य Ps = π/4.d^2.fs
=(π/4)x21.5x21.5x90 N
=32670 N
धारण सामर्थ्य Pb = d.t.fb
=21.5x10x270 N
=58050N
उपरोक्त में से Ps का मान न्यूनतम है। अत: पिच निकालने के लिए इसे ही Pt के बराबर करना होगा।
Pt=Ps
(p-d).t.ft=π/4.d^2.fs
(p-21.5)x10x150=3670
p=43.3mm
न्यूनतम पिच =2.5x रिवेट व्यास
= 2.5x20
= 50 mm (Answer).
समतलीय बल
जब किसी सरंचना पर कार्यरत सभी बलो की क्रिया रेखाये एक ही समतल में होते है।तो इस प्रकार के बलो को समतलीय बल कहा जाता है।
संगामी बल
जब किसी संरचना पर लगने वाले सभी बलो की क्रिया रेखाएं एक बिंदू में मिलती है, तब इन बलो को संगामी बल कहा जाता है।
असंगामी बल
जब बलो की क्रिया रेखा एक बिंदू पर नहीं मिलती है।तो इस बलो को असंगामी बल कहते है।
समान्तर बल
जब दो या दो से अधिक बलो की क्रिया रेखाये एक दूसरे के समान्तर होती है तो ऐसे बलो को समान्तर बल कहा जाता है।
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वेल्डेड जोड़ अभिकल्पन....….....
रिवेट जोड़ो की विफलता.......…..
संरचनात्मक इस्पातिय जोड़........
Sristi Tripathi 29 June
ReplyDelete29/06/21
ReplyDeleteThank you sir
ReplyDeleteThank you sir
ReplyDeletePresent sir
ReplyDeleteAshish Kumar Pandey
Present sir
ReplyDeletePresent ser
ReplyDeleteNice sir & tq
ReplyDeletePresent sir
ReplyDeletePresent sir
ReplyDeletePresent sir
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