भार (loads)
संरचना पर निम्न प्रकार का भार आ सकता है।
अचल भार
चल भार
पवन भार
भूकम्प भार
हिम भार
अचल भार
इसमें संरचना का स्वयंम का भार तथा ऐसा भार जो स्थाई हो आता है। इसके साथ साथ संरचना में जुड़े सभी अवयवों का भार सम्मिलित होता है।
चल भार
ऐसा भार जिसका मान बदलता रहता है।उसे चल भार कहते है।
जैसे संरचना पर स्टोर की गई अस्थाई वस्तुओ का भार आदि।
पवन भार
पवन भार संरचना की ऊंचाई उसकी भौगोलिक स्थिति ,पवन का वेग, तथा पवन की दिशा पर निर्भर करता है।
हिम भार
ऐसे स्थानों पर जहां हिमपात अधिक होता है। वहा इस भार को संरचना के डिजाइन में सम्मिलित किया जाता है।
भूकम्प भार
जहा भूकंप आने की संभावना होती है।वहा पर इस भार पर भी विचार किया जाता है।
धरने (Beam)
धरन ये एक संरचना का भाग होता है। जिस पर लगने वाला बल धरन के अनुदैध्य अक्ष के नत होते है।
धरने निम्न प्रकार की होती है।
(1) शुद्धलम्ब धरन (Simply supported Beam)
(2) प्रलम्ब धरन (Over Hang Beam)
(3) प्रास धरन (Cantilever Beam)
(4) आबद्ध धरन (Fixed Beam)
(5) सतत धरन (Continuous Beam).
Read more इस्पात भाग 3 (रीवेट जोड़ ).............
इस्पात भाग 1( इस्पतिय खण्ड).....…….
भाग 5 रिवेट जोड़ का अभिकल्पन.................
thank you sir
ReplyDeleteSristi Tripathi 29 June
ReplyDelete29/06/21
ReplyDeleteThank you sir
ReplyDeleteThank you Sir
ReplyDeletePresent sir
ReplyDeleteAshish Kumar Pandey
Present
ReplyDeletePresent sir
ReplyDeletePresent
ReplyDeleteThank you sir
ReplyDeletePresent sir
ReplyDeletePresent sir
ReplyDeletePresent
ReplyDeleteDevesh