Skip to main content

Levelling Part 3 staff

 स्वपाठी गज ( Self reading Staff) 

ये गज लेवल वाला द्वारा पढ़ा जाता है।और गज वाला केवल गज को पकड़ कर सीधा खड़ा रहता है।दृष्टि रेखा द्वारा गज अंक बेधन तथा गज पठन , दोनों कार्य लेवल वाला द्वारा ही किया जाता है।दूरबीन से देखने पर इसका आशंकन उल्टा दिखाई देता हैं। अत: गज पठन ऊपर से नीचे को किया जाता है।

स्वपाठी गज अनेक प्रकार के बनाए जाते है।

a) एकल खण्डी या ठोस गज 

b) मुड़वा गज (Folding Staff)

c) टेलेस्कोपी गज (Telescopic or Sopwith Staff)

d) इंवार परिशुद्ध गज ( Invar Precision Staff) 

एकल खण्डी या सीधा गज (One length or Solid Staff) 

इस गज को रुड़की पैटर्न गज भी कहते है ये गज सामान्यत: 3 मीटर की लम्बाई में , भली प्रकार से संशोधित , गांठ रहित ,सीधे रेशे वाली लकड़ी से एकल खंड में बनाया जाता है।इसके चौड़े भाग पर काली व सफेद रंग की पट्टियां बनी रहती हैं। 

एकल खण्डी गज हल्का होता है, सुहस्त तथा स्थिर होता है।इसपर पाठ्यांक आसानी से पढ़े जा सकते है।ये अन्य गज से सस्ता होता है। इसे एल्यूमिनियम की धातु से भी बनाते हैं। 

मुड़वा गज( Folding Staff) 

इस गज की लम्बाई 4 मीटर होती है। और दो लम्बाईयो को कीलक जोड़ द्वारा आबद्ध करके बनाया जाता हैं। इसी कारण इसे कब्जेदार गज भी कहते हैं। ये भली भाँति उपचारित प्रकाष्ठ देवदार , पाइन ,साइपरस आदि से बनाया जाता हैं इसकी चौड़ाई 75mm तथा मोटाई 18 mm होती है। जरूरत पड़ने इसके दोनो भाग को अलग किया जा सकता हैं ।

टेलीस्कोपी गज( Telescopic or Sopwith Staff) 

 ये तीन टेलीस्कोपी लम्बाईयो में बनाया जाता हैं और पूरा खोलने पर 4 मीटर लंबा बन जाता है।गज के सबसे ऊपरी भाग की लम्बाई 1.25 मीटर ,मध्य भाग की लम्बाई 1.25 मीटर तथा सबसे निचले और खोखले भाग की लम्बाई 1.50 मीटर होती हैं।

ये पर्याप्त भारी ,मोटा ,तथा लाने ले जाने में कष्टदायक होता हैं ।इसे ठीक ऊर्ध्वाधर पकड़े रखना कठिन होता है।और प्राय: इसके ऊपरी भाग में झोल आ जाता है।ये महंगा भी होता है।इन्ही सब कारणों से इसका प्रयोग बहुत हो गया है। 

 इंवार परिशुद्ध गज( Invar Precision Staff) 

इंवार का तापीय प्रसार लगभग शून्य होता है।इसी कारण इसका प्रयोग परिशुद्ध कार्य के लिए किया जाता है। इंवार की अशंकित पट्टी को लकड़ी के गज पर जड़ दिया जाता है।इसका निचला सिरा गज से जुड़ा रहता है, परन्तु ऊपर का सिरा एक स्प्रिंग के द्वारा अटकाया जाता है।इस व्यवस्था से लकड़ी के दंड के फैलने सिकुड़ने का प्रभाव इंवार पट्टी पर नही पड़ता हैं। इंवार गज पर निशान सेमी व इसके अंशो में बने रहते है। और पाठ्यांक 0.001 मीटर तक पढ़ा जा सकता है। 

तलेक्षण कार्य ( Levelling work) 

स्टेशन ( Station) 

जिस बिंदु पर तलेक्षण गज रखा जाता है और इसका पाठयांक लिया जाता हैं, उसे स्टेशन बिंदु या स्टेशन कहते है। 

नोट जहां लेवल उपकरण सेट किया जाता हैं उसे स्टेशन नहीं कहते है। 

दूरबीन का अक्ष 

दूरबीन की नेत्रिका के केंद्र तथा अभिदृश्यक कांच के प्रकाशिय केंद्र को मिलाने वाली काल्पनिक रेखा दूरबीन का अक्ष कहलाती है।

नोट एक सही यंत्र में अक्ष रेखा संधान रेखा के समपाती होती है। 

संधान रेखा 

बिम्बपट के तंतु के केंद्र तथा अभिदृश्यक कांच के प्रकाशिय केंद्र को मिलाने वाली और सीधी तलेक्षण गज की ओर जाती हुई काल्पनिक रेखा को उपकरण की संधान रेखा कहते है। 

संधान रेखा को दृष्टि रेखा भी कहते है। 

संधान रेखा को उपकरण की मूल रेखा भी कहते है।  

पाणसल अक्ष 

ये एक काल्पनिक रेखा है, जो पाणसल की नलिका की वक्रता के उच्चतम बिंदु पर स्पर्शज्या होती है। इसको बुलबुला रेखा भी कहते है। जब बुलबुला नलिका के ठीक मध्य में होता है तो पाणसल का अक्ष क्षैतिज होता है। पाणसल अक्ष उपकरण की एक मूल रेखा के अंतर्गत आता है।

ऊर्ध्वाधर अक्ष 

दूरबीन को क्षैतिज समतल में जिस अक्ष के प्रति घुमाया जाता है। उसे लेवल का ऊर्ध्वाधर अक्ष कहते है।

क्षैतिज अक्ष 

दूरबीन को जिस अक्ष के प्रति, उसके ऊर्ध्वाधर समतल में घुमाया जाता है।उसे उपकरण का क्षैतिज अक्ष  कहते है।इसे    ट्रूनियन अक्ष या आड़ी अक्ष भी कहते है।

उपकरण ऊंचाई 

जब लेवल यंत्र अपनी सही समतल स्थिति में होता है, तब संधान रेखा की निर्देशित तल से ऊंचाई ,उपकरण ऊंचाई कहलाती है। 

पश्च दृष्टि 

लेवल उपकरण सेट करके ,जब किसी ज्ञात समानीत तल वाले बिंदु पर गज रखकर जो पाठ्यांक लिया जाता है,उसे उस बिंदु की पश्च दृष्टि  कहते है।ये बिंदु तल चिन्ह (B.M) अथवा परिवर्तन बिंदु change point हो सकते है।तल चिन्ह के मान में पश्च दृष्टि  जोड़ने पर उपकरण ऊंचाई मिलती है। पश्च दृष्टि  का मान घनात्मक लिया जाता है।

अग्र दृष्टि 

जिस बिंदु पर उच्चता ज्ञात करनी हो उस पर गज रख कर लिया गया पाठ्यांक ,अग्र दृष्टि कहलाती है।ये बिंदु कार्य में अंतिम स्टेशन अथवा परिवर्तन बिंदु होता है। अग्र दृष्टि लेने के बाद लेवल की स्थिति बदल दी जाती है।ये मान ऋणात्मक होता है। और वांछित स्टेशन बिंदु की उच्चता ज्ञात करने के लिए इसे उपकरण ऊंचाई में से घटाया जाता है। 

मध्य दृष्टि  

लेवल उपकरण में ,अग्र और पश्च दृष्टि  को छोड़ कर ,अन्य सभी अज्ञात मान वाले बिंदुओ पर लिए गए गज पठन ,मध्य दृष्टि कहलाते है।इसका मान भी ऋणात्मक लिया जाता है।और स्टेशन बिंदु की उच्चता ज्ञात करने के लिए इसे उपकरण ऊंचाई में से घटाया जाता हैं। 

परिवर्तन बिंदु 

ऐसा स्टेशन बिंदु जिस पर दो दृष्टि ,अग्र और पश्च दृष्टि ली जाती है।अर्थात गज के दो पाठ्यांक लिए जाते है,पहला उपकरण की पुरानी सेटिंग से तथा दूसरा उपकरण की नई सेटिंग पर, ऐसा बिंदु परिवर्तन बिंदु  कहलाता है।

परिवर्तन बिंदु  को दिशा बदल बिंदु भी कहते है।

लम्बन 

जब अभिदृश्यक  कांच द्वारा बनाया गया किसी लक्ष्य का प्रतिबिम्ब के पर्दे पर ठीक से नहीं उतरता अथवा आंख को ऊपर नीचे करके देखने पर , प्रतिबिंब कृष तंतु पर तैरता हुआ नजर आता है। तो इसे लम्बन दोष कहते है।ये अभिदृश्यक  कांच के दोषपूर्ण फोकसन के कारण होता है।



Read more 

GK 

साइंस , अविष्कार और अविष्कारक 

विज्ञान की प्रमुख शाखाएं



 


Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Jarib , pictures, photo,जरीब का चित्र, chain survey,Part3 जरीब सर्वेक्षण chain survey

  जरीब सर्वेक्षण (Chain Survey) | सिद्धांत, प्रकार, फीता और उपकरण 📌 Introduction सर्वेक्षण (Surveying) सिविल इंजीनियरिंग का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें क्षेत्र की दूरी, दिशा और सीमाओं को मापा जाता है। जरीब सर्वेक्षण (Chain Survey) सबसे सरल और प्राचीन तकनीक है, जिसमें जरीब या फीता का उपयोग किया जाता है। 🔹 जरीब (Chain) क्या है? जरीब एक यांत्रिक उपकरण है जिसका उपयोग रेखीय दूरी नापने (Linear Measurement) के लिए किया जाता है। यह जस्तीकृत मृदु इस्पात की कड़ियों से बनी होती है। दोनों सिरों पर पीतल के हत्थे (Handles) लगे होते हैं। यह छोटे और समतल क्षेत्रों के सर्वेक्षण के लिए उपयुक्त है। 👉 जरीब को चेन सर्वे (Chain Survey) में मुख्य उपकरण माना जाता है। 🔹 फीता (Tape) क्या है? फीता (Tape) भी दूरी मापने का उपकरण है लेकिन इसमें कड़ियाँ नहीं होतीं। यह जरीब से हल्का और अधिक शुद्ध (Accurate) होता है। इसे कई प्रकार के पदार्थों से बनाया जाता है: सूती फीता (Cotton Tape) मेटलिक फीता (Metallic Tape) इस्पाती फीता (Steel Tape) इन्वार फीता (Invar Tape) 🔹 जरीब सर्व...

Part4जरीब सर्वेक्षण( उपकरण)

  खसका दंड।खसका दंड का प्रयोग  ये भी आरेखन दण्ड की तरह ही होता है। परन्तु इसके ऊपरी सिरे पर जरीब की हैंडल फसाने के लिए एक खांचा बना रहता है।जिसकी सहायता से खाई या झाड़ियों वाली स्थान में  जरीब के द्वारा नाप ली जाती है। खूँटी।  खूँटी का कार्य  खूँटी को सर्वेक्षण स्टेशनो की पहचान करने के लिए उस बिंदु पर गाड़ दी जाती है।ये लकड़ी  की बनी होती है। उसके ऊपर स्टेशन का नाम लिख दिया जाता है। उसकी लम्बाई 15 cm से 20 cm तक होती है। इसका शीर्ष 5cmx5cm वर्गाकार होता है।  साहुल।साहुल का कार्य  साहुल के द्वारा कम्पास , लेवल, थियोडोलाइट, आदि उपकरण को स्टेशन बिंदु पर केन्द्रण करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त ढालू जमीन पर जरीब मापन करते समय तथा आरेखन दण्ड को ठीक ऊर्ध्वाधर खड़ा करने में साहुल द्वारा जांच की जाती है। ये धातु का शंकुनुमा पिण्ड होता है।जिसके शीर्ष में एक मजबूत डोरी बंधी होती हैं। झाडियाँ । झाडियाँ का कार्य आरेखन दण्डो दूर से पहचान करने के लिये,इनके शीर्ष पर कपड़े की चौकोर  लाल या सफेद रंग की झाडियाँ बांध दी जाती है।   समकोण...

what is surveying in hindi ,Surveying ,सर्वेक्षण Part 1

सिविल इंजीनियरिंग में सर्वेक्षण (Surveying in Civil Engineering) Meta Description: सिविल इंजीनियरिंग में सर्वेक्षण क्या है? इसका उद्देश्य, प्रकार, सिद्धांत और महत्व समझें। Land Survey, Engineering Survey, Topographical Survey और Theodolite Survey की पूरी जानकारी। Keywords: सर्वेक्षण सिविल इंजीनियरिंग, Engineering Survey, Land Survey, Topographical Survey, Cadastral Survey, Theodolite Survey, Plane Table Survey, Hydrographic Survey, Surveying Principles सर्वेक्षण क्या है? (What is Surveying?) सर्वेक्षण सिविल इंजीनियरिंग की वह शाखा है, जो किसी क्षेत्र पर बिंदुओं की स्थिति, दूरी और कोणों का मापन कर नक्शे और लेआउट तैयार करती है। यह सड़क, पुल, रेलवे, नहर, पाइपलाइन और भवन निर्माण जैसी परियोजनाओं के लिए आधार प्रदान करता है। Keywords: Surveying in Civil Engineering, Civil Engineering Survey, Construction Survey सर्वेक्षण का उद्देश्य (Purpose of Surveying) सटीक नक्शा और योजना बनाना – टोपोग्राफिकल और कैडस्ट्रल नक्शा तैयार करना। निर्माण स्थल का चयन – सड़क, रेलवे, पाइपलाइन और सीवर लाइन ...