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समस्थानिक और उनका प्रयोग

 समस्थानिक और उनका प्रयोग 

यूरेनियम 235 ----- चट्टानों की आयु पता करने में 

सोडियम 24------- रक्त के थक्के का पता लगाने में 

कोबाल्ट 60-------- रक्त कैंसर को नियंत्रित करने में 

आर्सेनिक 74 --------- ट्यूमर का पता लगाने के लिए 

आयोडीन 131---------- थायराइड की ग्रंथि के उपचार में 

फस्फोरस 32------- लियुकिमिया के उपचार में 

लोहा 59----------- अरक्तता का पता लगाने में  



एकल बंध, द्विबंध, त्रिबंध  

बंधन ऊर्जा का क्रम ------- एकल बंध<द्विबंध<त्रिबंध 

बंध दूरी का क्रम ------ एकल बंध >द्विबंध>त्रिबंध 

बंधो की क्रियाशीलता ------ एकल बंध<द्विबंध<त्रिबंध 

अम्लो का प्रयोग 

बेकिंग पाउडर बनाने में टार्टरिक अम्ल का उपयोग करते है।

खाना पचाने में HCL अम्ल का उपयोग होता है 

सोना और चांदी के शुद्धिकरण में नाइट्रिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है।

लोहे पर जस्ते की परत चढ़ाने के पहले लोहे को साफ करने में H2SO4 और HNO3 का प्रयोग किया जाता है।

कपड़े से जंग के धब्बे हटाने के लिए ऑक्जैलिक अम्ल का प्रयोग किया जाता है। 

अम्लो की प्रबलता घटते क्रम में 

HCL> HNO3>H2SO4>CH3COOH  

Note हाइड्रो फ्लोरिक अम्ल (HF) मे काँच घुलनशील होता है।

अम्लराज 

ये हाइड्रोक्लोरिक अम्ल और सांद्र नाइट्रिक अम्ल का 3:1 का ताजा मिश्रण होता है ।

उसने सोना और प्लेटिनम को गलाने की क्षमता होती है। 

भस्म (base) 

ऐसा यौगिक जो अम्ल से प्रतिक्रिया करके लवण और जल देता है। भस्म कहलाता है। 

कुछ प्रमुख भस्मो के उपयोग 

(1) कैल्शियम हाइड्रोऑक्साइड Ca(OH)2 

* घरों में चुना कली में 

* गारा और प्लास्टर बनाने में 

* ब्लीचिंग पाउडर बनाने में 

* चमड़े का बाल साफ करने में 

* जल को मृदु बनाने में 

* अम्ल के जलन पर मरहम पट्टी करने में 

(2) कास्टिक सोडा या सोडियम हाइडोक्साइड NaOH 

साबुन बनाने में 

* पेट्रोलियम को साफ करने में 

* दवा बनाने में 

* कपड़ा और कागज बनाने में 

* कारखानों को साफ करने में 

(3) मिल्क ऑफ मैग्नेशिया या मैग्नीशियम हाइड्रोसाइड (MgOH) 

* पेट की अम्लीयता को दूर करने में  

नोट - सोरेनसेन ने 1909 में pH scale दिया 


pH परिवर्तन का प्रभाव 

मुंह के pH का मान 5.5 से कम होने पर दांतो का क्षय प्रारम्भ हो जाता है। दांतो का इनेमल कैल्शियम फास्फेट का बना होता है ।ये सबसे कठोर भाग होता है जो जल में नहीं घुलता परन्त pH का मान 5.5 से कम होने पर ये क्षय होने लगता है।

कोलॉइड के प्रकार 

1- सोल  ऐसा कोलॉइड जिसमे ठोस कण द्रव में परिक्षेपित होते है उन्हे सोल कहा जाता है।

Exp रबड़ के दस्तानों का निर्माण विद्युत लेपन द्वारा रबड़ सोल से किया जाता है।

2- जेल 

ऐसा कोलॉइड जिसमे ठोस कण द्रव में समान रूप से परिक्षेपित तो होते है, पर उनमें flow नहीं होती है। 

Exp जेली और जिलेटिन 

(3) एरोसोल 

किसी गैस में ठोस या द्रव कणों का परिक्षेपित एरोसोल कहलाता है।

जैसे , कोहरा 

(4) पायस 

जब किसी कोलॉइड में एक द्रव के सारे कण दूसरे द्रव के सारे कणों में परिक्षेपित हो जाते है। लेकिन घुलते नही है ।पायस बनाने की प्रक्रिया को पायसीकरण कहते है।

Exp दूध एक प्राकृतिक पायस है।जबकि पेंट एक कृत्रिम पायस है।

 

झाग 

द्रव में गैस का परिक्षेपण झाग कहलाता है।ये साबुन से उत्पन्न होते है।

Some important point 

* लिथियम सबसे हल्का धात्विक तत्व यह सबसे प्रबल अपचायक होता है।

* सोडियम परऑक्साइड का उपयोग पनडुब्बी जहाजों तथा अस्पताल आदि की बंद हवा को शुद्ध करने में किया जाता है। 

* रेडियम का  निष्कर्षण पिंचब्लैक से किया जाता है। मैडम क्यूरी ने पिंचब्लैक से ही रेडियम का निष्कर्षण किया था।

* वायुयान के निर्माण में पैलेडियम धातु प्रयुक्त होती है।


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