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यूक्रेन और रूस

 यूक्रेन

 ये यूरोप का एक खूबसूरत देश है जिसका कुल क्षेत्रफल 603,550 वर्ग किमी है. Ukraine की राजधानी कीव है,जिसे इस देश का सबसे बड़ा शहर होने का भी गौरव प्राप्त है.

यह दुनिया का 46 वां सबसे बड़ा देश है और इस देश की आधिकारिक भाषा Ukrainian है, हालांकि इस देश  में कई अन्य भाषाएँ भी बोली जाती हैं.
इस देश की आधिकारिक मुद्रा Ukrainian Hryvnia है व् यूक्रेन के भू-सीमावर्ती देशो में शामिल Poland, Slovakia, Hungary, Romania, Moldova, Russia और Belarus इसके पडोसी देश हैं
एक तरफ़ तो इसमें बेहद उपजाऊ मैदानी इलाक़ा है तो दूसरी ओर पूर्व में बड़े उद्योग हैं.

वैसे तो यूक्रेन और रूस के उदय का इतिहास एक जैसा ही है मगर यहां के पश्चिमी हिस्से का यूरोपीय पड़ोसियों, ख़ासकर पोलैंड से ज़्यादा नज़दीकी रिश्ता है.

यूक्रेन के पश्चिमी हिस्से में राष्ट्रवादी भावना भी ज़्यादा है. लेकिन यूक्रेन में रूसी भाषा बोलने वाले अल्पसंख्यक भी अच्छी ख़ासी तादाद में हैं. औद्योगिक रूप से विकसित पूर्वी इलाक़े में इनकी बसावट ज़्यादा है.रूस की इस कार्रवाई को लेकर पश्चिम के देश ग़ुस्से में हैं और अब तक कई प्रतिबंधों की घोषणा कर चुके हैं. जापान और ऑस्ट्रेलिया भी पश्चिम के देशों के साथ खड़े हैं. इनके अलावा बाक़ी के देश अपने हितों को ध्यान में रखते हुए संतुलित बयान दे रहे हैं.

आइए एक नज़र डालते हैं कि प्रमुख इस्लामिक देश या मुस्लिम बहुल देश यूक्रेन को लेकर छिड़े संघर्ष में किसके साथ हैं-.

सऊदी अरब

23 फ़रवरी को संयुक्त संयुक्त राष्ट्र की एक आम सभा में सऊदी अरब ने रूस की निंदा किए बिना राजनयिक समाधान की बात कही थी. सऊदी अरब ने दोनों पक्षों से सैन्य तनाव कम करने की अपील की थी. कहा जा रहा है कि मीडिया का पूरा ध्यान यूक्रेन पर है लेकिन इसकी वजह बढ़ रही गैस की क़ीमत की बात कम हो रही है.

तुर्की

तुर्की संवैधानिक रूप से इस्लामिक देश नहीं है लेकिन यहां की बहुसंख्यक आबादी मुसलमान है. तुर्की नेटो का भी सदस्य है. नेटो के सदस्य होने के नाते वह यूक्रेन पर रूसी हमले के साथ नहीं है लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन जब अमेरिका से नाराज़ होते हैं तो पुतिन के पास ही जाते हैं. रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम लेने कारण तुर्की पर अमेरिका ने प्रतिबंध भी लगाया था. बाइडन के आने के बाद से तुर्की का संबंध अमेरिका से ख़राब हुआ है.

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप अर्दोआन ने बुधवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फ़ोन पर बात की. तुर्की के राष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से इस बातचीत को लेकर एक बयान जारी किया गया है.

बयान में कहा गया है, इस बातचीत में रूस-यूक्रेन के मुद्दे पर बात हुई. राष्ट्रपति अर्दोआन ने कहा कि उन्होंने रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ संवाद को हमेशा से अहमियत दी है, जिसके कई अच्छे नतीजे भी मिले और वह आगे भी संवाद जारी रखेंगे.

ईरान

ईरान शिया मुस्लिम बहुल देश है. ईरान का संबंध अमेरिका से 1979 में इस्लामिक क्रांति से ही ख़राब है. रूस से ईरान के अच्छे संबंध रहे हैं.

यूक्रेन संकट को लेकर ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद ख़ातिबज़ादेह ने मंगलवार को कहा था, ''इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान सभी पक्षों से धैर्य की अपेक्षा करता है. किसी भी तरह के तनाव बढ़ाने वाले क़दम से परहेज़ करना चाहिए. सभी पक्ष संवाद के ज़रिए अपने मतभेदों को सुलझा सकते हैं. दुर्भाग्य से अमेरिका ने नेटो के हस्तक्षेप और उकसाऊ क़दम से इलाक़े की स्थिति को जटिल बना दिया है.

हालांकि रूस के साथ ईरान के संबंध ऐतिहासिक रूप से मधुर नहीं रहे हैं. 1943 में दूसरे विश्व युद्ध के दौरान तेहरान में मित्र देशों के नेता स्टालिन, चर्चिल और फ़्रैंकलीन डी रूज़वेल्ट की बैठक हुई थी. उस वक़्त ईरान पर रूस और ब्रिटेन का कब्ज़ा था. तेहरान कॉन्फ़्रेंस में ही मित्र देश दूसरे मोर्चे को लेकर नॉरमंडी पर आक्रमण के लिए सहमत हुए थे. 1941 में रूस और ब्रिटेन ने तटस्थ ईरान पर हमला किया था ताकि तेल की आपूर्ति बाधित ना हो और रूसी आपूर्ति जारी रहे.

पाकिस्तान

पाकिस्तान दुनिया का एकमात्र इस्लामिक देश है, जो परमाणु शक्ति संपन्न है. शीत युद्ध के दौरान पाकिस्तान अमेरिकी खेमे में था लेकिन अब हालात बदल रहे हैं. सबसे दिलचस्प है कि पुतिन ने यूक्रेन पर हमले का आदेश दिया है और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ख़ान रूस के दौर पर पहुँचे हैं.

सोशल मीडिया पर कई विश्लेषकों का कहना है कि इमरान ख़ान ने दौरे का बिल्कुल ग़लत समय चुना है. कहा जा रहा है कि इमरान ख़ान ने दौरे का जो वक़्त चुना है उससे संदेश जाएगा कि पाकिस्तान यूक्रेन संकट में अमेरिकी के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ नहीं बल्कि रूस के साथ खड़ा है.

पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार डॉन के अनुसार, वहाँ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ़ ने इमरान ख़ान के दौरे के समय को लेकर लगाई जा रही अटकलों को ख़ारिज कर दिया है. युसूफ़ ने कहा है, ''हाँ वैश्विक तनाव है लेकिन हमारा दौरा द्विपक्षीय है और यह चीन के दौरे की तरह ही है. हमारे दौरे में आर्थिक मुद्दे शामिल हैं. हम किसी एक खेमे में नहीं हैं.''


ऐतिहासिक पृष्ठभूमि में इन दोनों ही देशों यूक्रेन और रूस की विरासत साझी है। यूक्रेन की आज की राजधानी कीव उस समय यूक्रेन और रूस की जन्मस्थली बने पहले स्लेविक राज्य कीवन रस के बीचोंबीच था। दोनों देशों के रिश्तों में दो अहम घटनाक्रम हैं।

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