भूकंप की उत्पत्ति (Earthquake)
1. भूकंप क्या है?
-
जब पृथ्वी की सतह अचानक हिलती या काँपती है तो उसे भूकंप कहते हैं।
-
यह कंपन पृथ्वी के अंदर ऊर्जा के अचानक मुक्त होने से होता है।
-
इस ऊर्जा का केंद्र फोकस (Focus या Hypocenter) कहलाता है और इसकी सतह पर ठीक ऊपर की जगह को एपिसेंटर (Epicenter) कहते हैं।
2. भूकंप क्यों आता है? (कारण)
भूकंप के मुख्य कारण ये हैं:
प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics)
पृथ्वी की सतह कई बड़ी प्लेटों में बंटी होती है।
जब ये प्लेटें आपस में टकराती, खिसकती या अलग होती हैं, तो बहुत ज़्यादा दबाव (Stress) बनता है।
यह दबाव अचानक टूटने पर भूकंप आता है।
👉 उदाहरण: हिमालय क्षेत्र में भारत और एशिया प्लेट की टक्कर से भूकंप आते हैं।
ज्वालामुखी क्रिया (Volcanic Activity)
जब ज्वालामुखी फटता है, तो लावा और गैसों के दबाव से आसपास का क्षेत्र हिलता है।
इसे ज्वालामुखीय भूकंप कहते हैं।
भूमिगत विस्फोट (Explosion)
कोयला खदान, खनन कार्य, परमाणु परीक्षण आदि के कारण भी स्थानीय भूकंप आते हैं।
भूगर्भीय धंसाव (Collapse)
चूना पत्थर या कोयला की खदानों के नीचे की छत धंसने पर कंपन होता है।
प्लेट विवर्तनिकी (Plate Tectonics)
पृथ्वी की सतह कई बड़ी प्लेटों में बंटी होती है।
जब ये प्लेटें आपस में टकराती, खिसकती या अलग होती हैं, तो बहुत ज़्यादा दबाव (Stress) बनता है।
यह दबाव अचानक टूटने पर भूकंप आता है।
👉 उदाहरण: हिमालय क्षेत्र में भारत और एशिया प्लेट की टक्कर से भूकंप आते हैं।
ज्वालामुखी क्रिया (Volcanic Activity)
जब ज्वालामुखी फटता है, तो लावा और गैसों के दबाव से आसपास का क्षेत्र हिलता है।
इसे ज्वालामुखीय भूकंप कहते हैं।
भूमिगत विस्फोट (Explosion)
कोयला खदान, खनन कार्य, परमाणु परीक्षण आदि के कारण भी स्थानीय भूकंप आते हैं।
भूगर्भीय धंसाव (Collapse)
चूना पत्थर या कोयला की खदानों के नीचे की छत धंसने पर कंपन होता है।
3. भूकंप तरंगें (Seismic Waves)
भूकंप के समय ऊर्जा तरंगों के रूप में बाहर निकलती है:
P-वेव (Primary Waves)
सबसे तेज चलने वाली।
ठोस, तरल और गैस सब में चलती है।
S-वेव (Secondary Waves)
P-वेव से धीमी।
केवल ठोस में चलती है।
L-वेव (Long Waves / Surface Waves)
पृथ्वी की सतह पर चलती है।
सबसे ज़्यादा विनाशकारी।
4. भूकंप की माप
रिक्टर स्केल (Richter Scale): कंपन की तीव्रता (Magnitude) बताता है।
मर्काली स्केल (Mercalli Scale): नुकसान की मात्रा (Intensity) बताता है।
5. भूकंप से होने वाले नुकसान
इमारतों का गिरना, लोगों की मृत्यु।
सुनामी (समुद्र में भूकंप से बड़ी लहरें उठना)।
सड़क, पुल, बांध आदि का टूटना।
आर्थिक और सामाजिक नुकसान।
6. भूकंप से बचाव
भूकंपरोधी इमारतें बनाना।
खुले मैदान में जाना।
एलिवेटर (लिफ्ट) का उपयोग न करना।
आपदा प्रबंधन दल (NDRF) की मदद लेना।
ज़रूरी सामान (पानी, टॉर्च, दवाइयाँ) पहले से तैयार रखना।
Comments
Post a Comment