सीमेंट Cement
सीमेंट एक बंधक पदार्थ होता है जिसका प्रमुख उपयोग निर्माण कार्यों में सीमेंट कंक्रीट बनाने के लिए होता है।
इसे पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाया जा सकता है, जिसका सख्त होने के बाद यह विभिन्न निर्माण परियोजनाओं के लिए प्रयुक्त होता है।
सीमेंट का मुख्य उपयोग सीमेंट कंक्रीट के रूप में
होता है, जिसे इमारतों, सड़कों, पुलों, और अन्य
निर्माण कार्यों के लिए उपयोग किया
जाता है।
सीमेंट मिश्रण को पानी के साथ मिलाकर उसको
सॉलिड और ड्यूरेबल स्थिति में बदल दिया जाता है,जो मजबूती और स्थायिता प्रदान करने में मदद करता है।
प्रमुख घटक
Limestone (Calcium carbonate):
Around 60-67%
Clay or Shale (Silica, Alumina, and Iron oxide): Around 17-25%
Iron Ore: Around 3-8%
Gypsum (Calcium sulfate): Around 2-6%
Fly Ash, Slag, or Pozzolanic Materials (if used): Varies, typically up to 30% as a supplementary addition
सीमेंट में अवयव घटकों का प्रतिशत:
चूना (Cao) = 62-67%
सिलिका( SiO2)= 17-25%
एल्युमिना(Al2O3)= 3-8%
कैल्शियम सल्फेट(CaSO4)= 3-4%
आयरन ऑक्साइड (Fe2O3)= 3-4%
मैग्नीशिया (MgO)= 1-3%
सल्फर (S)= 1-3%
क्षार(अल्कली) (Na2O, K2O)= 0.2-1%
सीमेंट के प्रकार
सीमेंट के प्रमुख प्रकार निम्नलिखित होते हैं:
Rapid hardening cement
इसमें C3S की मात्रा C2S से अधिक होती है।
इसकी कॉस्ट 10% ज्यादा होती है OPC सीमेंट से ।
Imp>>>उसमे सीमेंट के पार्टिकल्स महीन पीसे जाते है।
Strength
****1 day strength= 3 days strength of OPC
इसका shrinkage अधिक होता है। इसमें अधिक पानी की अवश्यकता होती है।
****Initial setting time = 10 min
****Final setting time = 10 hours
पोर्टलैंड सीमेंट: यह सबसे आम और प्रचलित प्रकार का सीमेंट है, जिसे आमतौर पर ग्रे सीमेंट के रूप में जाना जाता है. यह सीमेंट निर्माण, संरचना और सीमेंट आधारित उत्पादों में उपयोग होता है.
पोर्टलैंड पूजोलैना सीमेंट (PPC): यह सीमेंट फ्लाई एश और पोर्टलैंड सीमेंट के मिश्रण से बनता है और इसका पर्यापन अधिक होता है, जैसे कि उपकरण, जलयांत्रिकी, और मरम्मत कार्यों में.
व्हाइट सीमेंट:
इसमें व्यापक रूप से इरोन और मैंगनीज धातुओं का अभाव होता है, जिससे यह सफेद रंग का होता है. यह अधिकतर सजावटी और सुंदरीकरण कामों में उपयोग होता है.
सल्फेट रेजिस्टिंग सीमेंट (SRC):
यह सीमेंट जल या अमिल यांत्रिकी क्षेत्रों में प्रयुक्त होता है, क्योंकि यह सल्फेट प्रदूषण के प्रति प्रतिरोधी गुणवत्ता रखता है.
अल्ट्रा-फाइन सीमेंट:
यह आधुनिक प्रौद्योगिकी से बना होता है और इसका उपयोग उच्च स्तर की सजावट और दृढता वाली संरचनाओं में किया जाता है.
सीमेंट क्लिंकर
: यह सीमेंट की प्रमुख सामग्री होती है, जिसे सीमेंट के उत्पादन के लिए गर्मी क्रियाओं में पड़ारा जाता है।
चूना: lime
चूना कैल्शियम ऑक्साइड या कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड है।
(1) कैल्सियम के सिलिकेट तथा एलुमिनेट बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में चूने की उपस्थिति आवश्यक होती है।
(2) चूने की कमी से सीमेंट की ताकत कम हो जाती है।
(3) चूने की कमी से सीमेंट जल्दी जम जाता है।
(4) चूने की अधिकता से सीमेंट ख़राब हो जाता है।
(5) चूने की अत्यधिक उपस्थिति के कारण सीमेंट फैलने और विघटित होने लगता है।
सिलिका:
सिलिकॉन डाइऑक्साइड को सिलिका, रासायनिक सूत्र SiO2 के रूप में जाना जाता है।
(1) सीमेंट में डाइकैल्शियम और ट्राइकैल्शियम सिलिकेट तक पर्याप्त मात्रा में सिलिका मौजूद होना चाहिए।
(2) सिलिका सीमेंट को मजबूती प्रदान करता है।
(3) सिलिका आमतौर पर लगभग 30 प्रतिशत सीमेंट की मात्रा तक मौजूद होता है।
एल्युमिना
एल्युमिना एल्युमिनियम ऑक्साइड है। रासायनिक सूत्र Al2O3 है।
(1) एल्यूमिना सीमेंट को त्वरित सेटिंग गुण प्रदान करता है।
(2) एल्युमिना की अपेक्षित मात्रा की उपस्थिति से
क्लिंकरिंग तापमान कम हो जाता है।
(3) अतिरिक्त एल्युमिना सीमेंट को कमजोर कर देता है।
मैग्नेशिया:
मैग्नीशियम ऑक्साइड। रासायनिक सूत्र MgO है।
(1) सीमेंट में मैग्नेशिया 2% से अधिक नहीं होना चाहिए।
अतिरिक्त मैग्नेशिया सीमेंट की ताकत को कम कर देगा।
आयरन ऑक्साइड: रासायनिक सूत्र Fe2O3 है।
आयरन ऑक्साइड सीमेंट को रंग प्रदान करता है।
यह फ्लक्स की तरह कार्य करता है।
बहुत उच्च तापमान पर, यह कैल्शियम और एल्यूमीनियम के साथ रासायनिक प्रतिक्रिया करके ट्राइकैल्शियम एल्युमिनो-फेराइट बनाता है।
ट्राईकैल्शियम एल्युमिनो-फेराइट सीमेंट को कठोरता और मजबूती प्रदान करता है।
कैल्शियम सल्फेट: रासायनिक सूत्र CaSO4 है
यह सीमेंट में जिप्सम (CaSO4.2H2O) के रूप में मौजूद होता है
यह सीमेंट की जमने की क्रिया को धीमा या मंद कर देता है।
सल्फर ट्राइऑक्साइड: रासायनिक सूत्र SO3 है
इसकी उपस्थिति 2% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अतिरिक्त सल्फर ट्राइऑक्साइड के कारण सीमेंट ख़राब हो जाता है।
क्षारीय:
इसकी मात्रा 1% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
अधिक क्षारीय पदार्थ पुष्पन का कारण बनता है।
जलयोजन क्रिया
जब सीमेंट में पानी मिलाया जाता है। तो इसमें जलयोजन की क्रिया होती है।और बोग यौगिक बनता है।
(1) C2S =(Ca2SiO4) डाई कैल्शियम सिलिकेट ( बेलाइट) bellite
Imp>> इसकी मात्रा सीमेंट में 32% होती है।ये बाद के दिनों में सीमेंट को सामर्थ्य देता है।
शुरू के दिनों में इसमें से कम ऊष्मा निकलती है। परन्त बाद में इसमें से अधिक ऊष्मा निकलती है।
Imp>> ऊष्मा की मात्रा लगभग(240 kJ/ kg )
(2) C3S = Ca3SiO5 (tricalcium silicate (allite) एलाइट
Imp>> मात्रा 40%
Imp>>इसके कारण सीमेंट में 1-14 दिनों तक मजबूती और सामर्थ्य आती है।
Imp>> इससे निकलने वाली ऊष्मा की मात्रा 500 kJ/ kg होती है।
(3) C3A tri calcium aluminate
Ca3Al2O6, or 3CaO·Al2O3
Imp>>>> मात्रा 10%
ट्राईकैल्शियम एल्यूमिनेट (C3A) सीमेंट में पानी मिलाने के बाद 24 घंटे में निर्मित होता है और जलयोजन के ऊष्मा के अधिकतम फैलाव के लिए जिम्मेदार होता है। चूँकि, यह पानी को मिलाने के बाद 24 घंटे में निर्मित होता है, इसका अर्थ है कि यह पानी के साथ बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करता है।
इसके कारण सीमेंट जल्दी कठोर होती है। imp>>>> ऊष्मा ( 864KJ/ kg)
(4) C4AF tricalcium alumino ferrite (4CaO·Al2O3·Fe2O3)
इसके कारण सीमेंट जल्दी जमती है।
Imp>>>>ऊष्मा 428 KJ/ kg
Imp>>>>> मात्रा 9%
******* V. Imp points
Rate of heat - C3A> C3S>C4AF>C2S
Rate of hydration- C4AF>C3A>C3S>C2S
साधारण पोर्टलैंड सीमेंट-
ग्रेड 33- IS 269-1989
ग्रेड 43- IS 8112-1989
ग्रेड 53- IS 12669-1989
ग्रेड 33- IS 269-1989
इसका प्रयोग बहुत ही साधारण स्ट्रक्चर में किया जाता है। प्राय इसका प्रयोग नहीं करते है।
ग्रेड 43- IS 8112-1989
सभी कार्यों में इसी सीमेंट का प्रयोग किया जाता है।
Imp>>>>ग्रेड 53- IS 12669-1989
प्री कॉस्ट स्ट्रक्चर में इसका प्रयोग किया जाता है।
Exp- ब्रिज , रेलवे, स्लीपर, गर्डर आदि में ।
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