Skip to main content

भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची

 भारत के मुख्य न्यायाधीशों की सूची



1. हरिलाल जे. कानिया : 26 जनवरी, 1950 से 6 नवम्बर, 1951


2. पतंजलि शास्त्री : 7 नवम्बर, 1951 से 3 जनवरी, 1954


3. मेहरचन्द्र महाजन : 4 जनवरी, 1954 से 22 दिसम्बर, 1954


4. बी. के. मुखर्जी : 23 दिसम्बर, 1954 से 31 जनवरी, 1956


5. एस. आर. दास : 1 फरवरी, 1956 से 30 सितम्बर, 1959


6. भुवनेश्वर प्रसाद सिन्हा : 1 अक्टूबर, 1959 से 31 जनवरी, 1964


7. पी. बी. गजेन्द्र गडकर : 1 फरवरी, 1964 से 15 मार्च, 1966


8. ए. के. सरकार : 16 मार्च, 1966 से 29 जून, 1966


9. के. सुब्बाराव : 30 जून, 1966 से 11 अप्रैल, 1967


10. के. एन. वांचू : 12 अप्रैल, 1967 से 24 जनवरी, 1968


11. एम. हिदायतुल्ला : 25 फरवरी, 1968 से 16 दिसम्बर, 1970


12. जे. सी. शाह : 17 दिसम्बर, 1970 से 21 जनवरी, 1971


13. एस. एम. सीकरी : 22 जनवरी, 1971 से 25 अप्रैल, 1973


14. ए. एन. रे. : 26 अप्रैल, 1973 से 28 जनवरी, 1977


15. एम. एच. बेग : 29 जनवरी, 1977 से 21 फरवरी, 1978


16. वाई. वी. चन्द्रचूड़ : 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985


17. प्रफुल्लचंद्र नटवरलाल भगवती : 12 जुलाई, 1985 से 20 दिसम्बर, 1986


18. रघुनन्दन स्वरूप पाठक : 21 दिसम्बर, 1986 से 18 जून, 1989


19. ई. एस. वेंकटरमैया : 19 जून, 1989 से 17 दिसम्बर, 1989


20. सव्यसाची मुखर्जी : 18 दिसम्बर, 1989 से 25 सितम्बर, 1990


21. रंगनाथ मिश्र : 26 सितम्बर, 1990 से 24 नवम्बर, 1991


22. के. एन. सिंह : 25 नवम्बर, 1991 से 12 दिसम्बर, 1991


23. एम. एच. कानिया : 13 दिसम्बर, 1991 से 17 नवम्बर, 1992


24. एल. एम. शर्मा : 18 नवम्बर, 1992 से 11 फरवरी, 1993


25. एम. एन. वेंकटचलैया : 12 फरवरी, 1993 से 24 अक्टूबर, 1994


26. ए. एम. अहमदी : 25 अक्टूबर, 1994 से 24 मार्च, 1997


27. जे. एस. वर्मा : 25 मार्च, 1997 से 17 जनवरी, 1998


28. एम. एम. पुंछी : 18 जनवरी, 1998 से 9 अक्टूबर, 1998


29. आदर्श सेन आनन्द : 10 अक्टूबर, 1998 से 31 अक्टूबर, 2001


30. एस. पी. भरूचा : 1 नवम्बर, 2001 से 5 मई, 2002


31. बी. एन. किरपाल : 6 मई, 2002 से 7 नवम्बर, 2002


32. गोपाल बल्लभ पटनायक : 8 नवम्बर, 2002 से 18 दिसम्बर, 2002


33. वी. एन. खरे : 19 दिसम्बर, 2002 से 1 मई, 2004


34. एस. राजेन्द्र बाबू : 2 मई, 2004 से 31 मई, 2004


35. रमेश चन्द्र लाहोटी : 1 जून, 2004 से 31 अक्टूबर, 2005


36. योगेश कुमार सब्बरवाल : 1 नवम्बर, 2005 से 13 जनवरी, 2007


37. के. जी. बालकृष्णन : 14 जनवरी, 2007 से 11 मई, 2010


38. एस. एच. कपाड़िया : 12 मई, 2010 से 28 सितम्बर, 2012


39. अल्तमस कबीर : 29 सितम्बर, 2012 से 18 जुलाई, 2013


40. पी. सदाशिवम : 19 जुलाई, 2013 से 26 अप्रैल, 2014


41. आर. एम. लोढ़ा : 27 अप्रैल, 2014 से 27 सितम्बर, 2014


42. एच. एल. दत्तू : 28 सितम्बर, 2014 से 2 दिसम्बर, 2015


43. टी एस ठाकुर : 3 दिसम्बर 2015 से 3 जनवरी, 2017


44. जगदीश सिंह खेहर : 4 जनवरी, 2017 से 27 अगस्त, 2017


45. दीपक मिश्र : 28 अगस्त, 2017 से 1 अक्टूबर, 2018


46. रंजन गोगोई : 2 अक्टूबर, 2018 से 17 नवम्बर, 2019


47. शरद अरविंद बोबडे : 18 नवम्बर, 2019 से 23 अप्रैल 2021


48. एनवी रमना : 24 अप्रैल 2021 से (कार्यकाल तक)



Comments

Popular posts from this blog

Jarib , pictures, photo,जरीब का चित्र, chain survey,Part3 जरीब सर्वेक्षण chain survey

  जरीब सर्वेक्षण (Chain Survey) | सिद्धांत, प्रकार, फीता और उपकरण 📌 Introduction सर्वेक्षण (Surveying) सिविल इंजीनियरिंग का एक महत्वपूर्ण भाग है। इसमें क्षेत्र की दूरी, दिशा और सीमाओं को मापा जाता है। जरीब सर्वेक्षण (Chain Survey) सबसे सरल और प्राचीन तकनीक है, जिसमें जरीब या फीता का उपयोग किया जाता है। 🔹 जरीब (Chain) क्या है? जरीब एक यांत्रिक उपकरण है जिसका उपयोग रेखीय दूरी नापने (Linear Measurement) के लिए किया जाता है। यह जस्तीकृत मृदु इस्पात की कड़ियों से बनी होती है। दोनों सिरों पर पीतल के हत्थे (Handles) लगे होते हैं। यह छोटे और समतल क्षेत्रों के सर्वेक्षण के लिए उपयुक्त है। 👉 जरीब को चेन सर्वे (Chain Survey) में मुख्य उपकरण माना जाता है। 🔹 फीता (Tape) क्या है? फीता (Tape) भी दूरी मापने का उपकरण है लेकिन इसमें कड़ियाँ नहीं होतीं। यह जरीब से हल्का और अधिक शुद्ध (Accurate) होता है। इसे कई प्रकार के पदार्थों से बनाया जाता है: सूती फीता (Cotton Tape) मेटलिक फीता (Metallic Tape) इस्पाती फीता (Steel Tape) इन्वार फीता (Invar Tape) 🔹 जरीब सर्व...

Part4जरीब सर्वेक्षण( उपकरण)

  खसका दंड।खसका दंड का प्रयोग  ये भी आरेखन दण्ड की तरह ही होता है। परन्तु इसके ऊपरी सिरे पर जरीब की हैंडल फसाने के लिए एक खांचा बना रहता है।जिसकी सहायता से खाई या झाड़ियों वाली स्थान में  जरीब के द्वारा नाप ली जाती है। खूँटी।  खूँटी का कार्य  खूँटी को सर्वेक्षण स्टेशनो की पहचान करने के लिए उस बिंदु पर गाड़ दी जाती है।ये लकड़ी  की बनी होती है। उसके ऊपर स्टेशन का नाम लिख दिया जाता है। उसकी लम्बाई 15 cm से 20 cm तक होती है। इसका शीर्ष 5cmx5cm वर्गाकार होता है।  साहुल।साहुल का कार्य  साहुल के द्वारा कम्पास , लेवल, थियोडोलाइट, आदि उपकरण को स्टेशन बिंदु पर केन्द्रण करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त ढालू जमीन पर जरीब मापन करते समय तथा आरेखन दण्ड को ठीक ऊर्ध्वाधर खड़ा करने में साहुल द्वारा जांच की जाती है। ये धातु का शंकुनुमा पिण्ड होता है।जिसके शीर्ष में एक मजबूत डोरी बंधी होती हैं। झाडियाँ । झाडियाँ का कार्य आरेखन दण्डो दूर से पहचान करने के लिये,इनके शीर्ष पर कपड़े की चौकोर  लाल या सफेद रंग की झाडियाँ बांध दी जाती है।   समकोण...

what is surveying in hindi ,Surveying ,सर्वेक्षण Part 1

सिविल इंजीनियरिंग में सर्वेक्षण (Surveying in Civil Engineering) Meta Description: सिविल इंजीनियरिंग में सर्वेक्षण क्या है? इसका उद्देश्य, प्रकार, सिद्धांत और महत्व समझें। Land Survey, Engineering Survey, Topographical Survey और Theodolite Survey की पूरी जानकारी। Keywords: सर्वेक्षण सिविल इंजीनियरिंग, Engineering Survey, Land Survey, Topographical Survey, Cadastral Survey, Theodolite Survey, Plane Table Survey, Hydrographic Survey, Surveying Principles सर्वेक्षण क्या है? (What is Surveying?) सर्वेक्षण सिविल इंजीनियरिंग की वह शाखा है, जो किसी क्षेत्र पर बिंदुओं की स्थिति, दूरी और कोणों का मापन कर नक्शे और लेआउट तैयार करती है। यह सड़क, पुल, रेलवे, नहर, पाइपलाइन और भवन निर्माण जैसी परियोजनाओं के लिए आधार प्रदान करता है। Keywords: Surveying in Civil Engineering, Civil Engineering Survey, Construction Survey सर्वेक्षण का उद्देश्य (Purpose of Surveying) सटीक नक्शा और योजना बनाना – टोपोग्राफिकल और कैडस्ट्रल नक्शा तैयार करना। निर्माण स्थल का चयन – सड़क, रेलवे, पाइपलाइन और सीवर लाइन ...