Skip to main content

प्रमुख भारतीय लेखक व उनकी पुस्तकें

 प्रमुख भारतीय लेखक व उनकी पुस्तकें


पंचतंत्र ➞ विष्णु शर्मा

❀ प्रेमवाटिका ➞ रसखान

❀ मृच्छकटिकम् ➞ शूद्रक

❀ कामसूत्र ➞ वात्स्यायन

❀ दायभाग ➞ जीमूतवाहन

❀ नेचुरल हिस्द्री ➞ प्लिनी

❀ दशकुमारचरितम् ➞ दण्डी

❀ अवंती सुन्दरी ➞ दण्डी

❀ बुध्दचरितम् ➞ अश्वघोष

❀ कादम्बरी् ➞ बाणभटृ

❀ अमरकोष ➞ अमर सिहं

❀ शाहनामा  ➞ फिरदौसी

❀ साहित्यलहरी ➞ सुरदास

❀ सूरसागर ➞ सुरदास

❀हुमायूँनामा ➞ गुलबदन बेगम

❀ नीति शतक ➞ भर्तृहरि

❀ श्रृंगारशतक ➞ भर्तृहरि

❀ वैरण्यशतक ➞ भर्तृहरि

❀ मुद्राराक्षस ➞ विशाखदत्त

❀ अष्टाध्यायी ➞ पाणिनी

❀ भगवत् गीता ➞ वेदव्यास

❀ महाभारत ➞ वेदव्यास

❀ मिताक्षरा ➞ विज्ञानेश्वर

❀ राजतरंगिणी ➞ कल्हण

❀ अर्थशास्त्र ➞ चाणक्य

❀ कुमारसंभवम् ➞ कालिदास

❀ रघुवंशम् ➞ कालिदास

❀ अभिज्ञान शाकुन्तलम् ➞ कालिदास

❀ गीतगोविन्द ➞ जयदेव

❀ मालतीमाधव ➞ भवभूति

❀ उत्तररामचरित ➞ भवभूति

❀ पद्मावत् ➞ मलिक मो. जायसी

❀ आईने अकबरी ➞ अबुल फजल

❀ अकबरनामा ➞ अबुल फजल

❀ बीजक ➞ कबीरदास

❀ रमैनी ➞ कबीरदास

❀ सबद ➞ कबीरदास

❀ किताबुल हिन्द ➞ अलबरूनी

❀ चित्रांगदा ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ गीतांजली ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ विसर्जन ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ गार्डनर ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ हंग्री स्टोन्स ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ गोरा ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ चाण्डालिका ➞ रविन्द्र नाथ टैगौर

❀ भारत-भारती ➞ मैथलीशरण गुप्त

❀ डेथ ऑफ ए सिटी ➞ अमृता प्रीतम

❀ कागज ते कैनवास ➞ अमृता प्रीतम

❀ फोर्टी नाइन डेज ➞ अमृता प्रीतम

❀ इन्दिरा गाँधी रिटर्नस ➞ खुशवंत सिहं

❀ दिल्ली ➞ खुशवंत सिहं

❀ द कम्पनी ऑफ वीमैन ➞ खुशवंत सिहं

❀ सखाराम बाइण्डर ➞ विजय तेंदुलकर

❀ इंडियन फिलॉस्पी ➞ डॉ. एस. राधाकृष्णन

❀ इंटरनल इंडिया ➞ इंदिरा गाँधी

❀ कामयानी ➞ जयशंकर प्रसाद

❀ आँसू ➞ जयशंकर प्रसाद

❀ लहर ➞ जयशंकर प्रसाद

❀ लाइफ डिवाइन ➞ अरविन्द घोष

❀ ऐशेज अॉन गीता ➞ अरविन्द घोष

❀ अनामिका ➞ सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

❀ परिमल ➞ सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

❀ यामा ➞ महादेवी वर्मा

❀ ए वाइस ऑफ फ्रिडम ➞ नयन तारा सहगल

❀ एरिया ऑफ डार्कनेस ➞ वी. एस. नायपॉल 

❀ अग्निवीणा ➞ काजी नजरुल इस्लाम

❀ डिवाइन लाइफ ➞ शिवानंद

❀ गोदान ➞ प्रेमचन्द्र

❀ गबन ➞ प्रेमचन्द्र

❀ कर्मभूमि ➞ प्रेमचन्द्र

❀ रंगभूमि ➞ प्रेमचन्द्र

❀ कितनी नावों में कितनी बार ➞ अज्ञेय

❀ गोल्डेन थेर्सहोल्ड ➞ सरोजिनी नायडू

❀ ब्रोकेन विंग्स ➞ सरोजिनी नायडू

❀ पल्लव ➞ सुमित्रानन्दन पंत

❀ चिदम्बरा➞ सुमित्रानन्दन पंत्त

❀ कुरूक्षेत्र ➞ रामधारी सिहं 'दिनकर'

❀ उर्वशी ➞ रामधारी सिहं 'दिनकर'

❀ द डार्क रूम ➞ आर. के. नारायण

❀ मालगुड़ी डेज ➞ आर. के. नारायण

❀ गाइड ➞ आर. के. नारायण

❀ माइ डेज ➞ आर. के. नारायण

❀ नेचर क्योर ➞ मोरारजी देसाई

❀ चन्द्रकान्ता ➞ देवकीनन्दन खत्री

❀ देवदास ➞ शरतचन्द्र चटोपाध्याय

❀ चरित्रहीन ➞  शरतचन्द्र चट्टोपाध्याय



Comments

Popular posts from this blog

Jarib , pictures, photo,जरीब का चित्र, chain survey,Part3 जरीब सर्वेक्षण chain survey

  जरीब सर्वेक्षण के कितने सिद्धांत है? जरीब अथवा फीता क्या है? जरीब कितने प्रकार के होते हैं? जरीब ( Chain)।  जरीब का चित्र।  जरीब एक प्रकार का यंत्र जो रेखीय दूरी नापने के काम आती है।ये जस्तीकृत मृदु इस्पात के तार से कड़ियो को जोड़़ कर बनाई जाती है।जरीब को जरीब के चित्र द्वारा अच्छे से समझा जा सकता है। इसमें कड़ी के सिरो पर घुण्डी बनाकर  तथा तीन छोटे छल्लो द्वारा कड़ियो को आपस में जोड़ कर वांछित लम्बाई की जरीब बनाई जाती है। जरीब के दोनो सिरो पर एक पीतल का हत्था लगा होता है। जिसकी मदद से जरीब को फैलाया जाता है।   जरीब सर्वेक्षण ऐसी जगह पर किया जाता है।जहा सर्वेक्षण क्षेत्र छोटा हो।या सामान्य कार्यों के लिए और क्षेत्र की सीमाएं निर्धारित करने के लिए ,सर्वेक्षण नक्शा बनाने के लिए जरीब सर्वेक्षण संतोषजनक रहता है। जरीब सर्वेक्षण केवल रेखीय माप के लिए किया जाता है।जरीब  सर्वेक्षण में रेखाओ का कोणीय मान नहीं निकला जाता है। निम्नलिखित स्थिति यो मे जरीब सर्वेक्षण अपनाना सही रहता है।  (i ) जब सर्वेक्षण क्षेत्र छोटा ,सीमित ,और खुला तथा लगभग समतल हो  (ii) जब...

Part4जरीब सर्वेक्षण( उपकरण)

  खसका दंड।खसका दंड का प्रयोग  ये भी आरेखन दण्ड की तरह ही होता है। परन्तु इसके ऊपरी सिरे पर जरीब की हैंडल फसाने के लिए एक खांचा बना रहता है।जिसकी सहायता से खाई या झाड़ियों वाली स्थान में  जरीब के द्वारा नाप ली जाती है। खूँटी।  खूँटी का कार्य  खूँटी को सर्वेक्षण स्टेशनो की पहचान करने के लिए उस बिंदु पर गाड़ दी जाती है।ये लकड़ी  की बनी होती है। उसके ऊपर स्टेशन का नाम लिख दिया जाता है। उसकी लम्बाई 15 cm से 20 cm तक होती है। इसका शीर्ष 5cmx5cm वर्गाकार होता है।  साहुल।साहुल का कार्य  साहुल के द्वारा कम्पास , लेवल, थियोडोलाइट, आदि उपकरण को स्टेशन बिंदु पर केन्द्रण करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त ढालू जमीन पर जरीब मापन करते समय तथा आरेखन दण्ड को ठीक ऊर्ध्वाधर खड़ा करने में साहुल द्वारा जांच की जाती है। ये धातु का शंकुनुमा पिण्ड होता है।जिसके शीर्ष में एक मजबूत डोरी बंधी होती हैं। झाडियाँ । झाडियाँ का कार्य आरेखन दण्डो दूर से पहचान करने के लिये,इनके शीर्ष पर कपड़े की चौकोर  लाल या सफेद रंग की झाडियाँ बांध दी जाती है।   समकोण...

what is surveying in civil engineering,Surveying ,सर्वेक्षण Part 1

  what is surveying in civil engineering सर्वेक्षण  (Survey) Surveying is the art to determing the relative position of a points and the distance and angles between them.   सर्वेक्षण सिविल इंजीनियरिंग की वो शाखा है।जिसके अन्तर्गत किसी एक बिंदू के सापेक्ष किसी दूसरे बिंदू की भूतल पर या भूगर्भ या आकाश में ऊंचाई या गहराई का पता लगाया जाता है। उसे ही सर्वेक्षण कहा जाता है। सर्वेक्षण सिविल इंजीनियरिंग का अत्यंत महत्वपूर्ण भाग है। इसकी सहायता से ही किसी क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।तथा निर्माण संबंधी ड्राइंग बनाकर निर्माण कराया जाता हैं।  सर्वेक्षण का उद्देश्य ( purpose of survey) सर्वेक्षण के निम्न उद्देश्य है। 1 सर्वेक्षण क्षेत्र का नक्शा या मानचित्र बनाना, क्षेत्र से प्राप्त मापो को ड्रॉइंग सीट पर आलेखित करना। 2 विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए स्थल का चयन करना जैसे , रेल , सड़क, पाइप लाइन ,सीवर लाइन आदि। 3 सतह पर किसी बिंदू की स्थिति ज्ञात करना। 4 विभिन्न प्राकृतिक और कृत्रिम बिंदुओ की ऊंचाई और गहराई का पता लगाना। 5 विभिन्न निर्माण कार्यों के लि...