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Showing posts from May, 2021

Part 6 इस्पातीय जोड़ , वेल्डित जोड़

  वेल्डित जोड़ (Welded joints)  वेल्डन दो स्टील के अवयवों को जोड़ने की ऐसी विधि है।जिसने अवयवों के किनारों को गर्म करने पिघलाया जाता हैं। और फिर इन्हें आपस में सटा कर जोड़ दिया जाता है।ठंडा होने पर ये अवयव आपस में जोड़ जाते है और एक संयुक्त अवयव के रूप में कार्य करते है। वेल्डिंग द्वारा जोड़े गए अवयव अधिक मजबूत होते है।और इनके कार्य करने की क्षमता भी अधिक होती है।अन्य जोड़ के अपेक्षा इनके विफल होने की संभावना भी कम होती है। वेल्डिंग के लिए निम्न विधियां अपनाई जाती है।  (i) मेटल आर्क वेल्डिंग  (ii) गैस वेल्डिंग   वेल्डेड जोड़ो के प्रकार  वेल्ड जोड़ को दो भागों में बांटा गया है। फिलेट वेल्ड  बट वेल्ड  फिलेट वेल्ड  इस प्रकार के वेल्ड के दो प्लेटो को एक दूसरे के उपर रख कर वेल्डिंग की जाती है।इसी कारण इसे लैप वेल्ड भी कहते है। इसे निम्न भागो में वर्गीकृत किया जाता है। i) साइड फिलेट वेल्ड   जब दो प्लेटो पर वेल्डिंग इस प्रकार की जाती है।की उस पर लगने वाला बल वेल्ड की अक्ष के समांतर हो तो इस प्रकार की वेल्डिंग को साइड फिलेट वेल्ड कहते है।...

Part4जरीब सर्वेक्षण( उपकरण)

  खसका दंड।खसका दंड का प्रयोग  ये भी आरेखन दण्ड की तरह ही होता है। परन्तु इसके ऊपरी सिरे पर जरीब की हैंडल फसाने के लिए एक खांचा बना रहता है।जिसकी सहायता से खाई या झाड़ियों वाली स्थान में  जरीब के द्वारा नाप ली जाती है। खूँटी।  खूँटी का कार्य  खूँटी को सर्वेक्षण स्टेशनो की पहचान करने के लिए उस बिंदु पर गाड़ दी जाती है।ये लकड़ी  की बनी होती है। उसके ऊपर स्टेशन का नाम लिख दिया जाता है। उसकी लम्बाई 15 cm से 20 cm तक होती है। इसका शीर्ष 5cmx5cm वर्गाकार होता है।  साहुल।साहुल का कार्य  साहुल के द्वारा कम्पास , लेवल, थियोडोलाइट, आदि उपकरण को स्टेशन बिंदु पर केन्द्रण करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त ढालू जमीन पर जरीब मापन करते समय तथा आरेखन दण्ड को ठीक ऊर्ध्वाधर खड़ा करने में साहुल द्वारा जांच की जाती है। ये धातु का शंकुनुमा पिण्ड होता है।जिसके शीर्ष में एक मजबूत डोरी बंधी होती हैं। झाडियाँ । झाडियाँ का कार्य आरेखन दण्डो दूर से पहचान करने के लिये,इनके शीर्ष पर कपड़े की चौकोर  लाल या सफेद रंग की झाडियाँ बांध दी जाती है।   समकोण...

भारत का भूगोल। Geography of india

  भारत से बड़े देश। क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत से बड़े देश।              देश                                                   क्षेत्रफल रूस                               170.75 लाख वर्ग किलोमीटर कनाडा                            99.84  लाख वर्ग किलोमीटर U.S.A                            96.26   लाख वर्ग किलोमीटर चीन                                95.96   लाख वर्ग किलोमीटर ब्राजील                            85.12   लाख वर्ग किलो...

Jarib , pictures, photo,जरीब का चित्र, chain survey,Part3 जरीब सर्वेक्षण chain survey

  जरीब सर्वेक्षण के कितने सिद्धांत है? जरीब अथवा फीता क्या है? जरीब कितने प्रकार के होते हैं? जरीब ( Chain)।  जरीब का चित्र।  जरीब एक प्रकार का यंत्र जो रेखीय दूरी नापने के काम आती है।ये जस्तीकृत मृदु इस्पात के तार से कड़ियो को जोड़़ कर बनाई जाती है।जरीब को जरीब के चित्र द्वारा अच्छे से समझा जा सकता है। इसमें कड़ी के सिरो पर घुण्डी बनाकर  तथा तीन छोटे छल्लो द्वारा कड़ियो को आपस में जोड़ कर वांछित लम्बाई की जरीब बनाई जाती है। जरीब के दोनो सिरो पर एक पीतल का हत्था लगा होता है। जिसकी मदद से जरीब को फैलाया जाता है।   जरीब सर्वेक्षण ऐसी जगह पर किया जाता है।जहा सर्वेक्षण क्षेत्र छोटा हो।या सामान्य कार्यों के लिए और क्षेत्र की सीमाएं निर्धारित करने के लिए ,सर्वेक्षण नक्शा बनाने के लिए जरीब सर्वेक्षण संतोषजनक रहता है। जरीब सर्वेक्षण केवल रेखीय माप के लिए किया जाता है।जरीब  सर्वेक्षण में रेखाओ का कोणीय मान नहीं निकला जाता है। निम्नलिखित स्थिति यो मे जरीब सर्वेक्षण अपनाना सही रहता है।  (i ) जब सर्वेक्षण क्षेत्र छोटा ,सीमित ,और खुला तथा लगभग समतल हो  (ii) जब...