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Showing posts from June, 2021

Steel structures MCQ part 3

 1- इस्पात का संरचनात्मक अवयव के रूप में लाभ है। A) लघु भार के सापेक्ष सामर्थ्य  B) निर्माण की गति  C) डिसमेंटिंग की गति  D) अवशिष्ट मूल्य  2- फर्नीचर उदाहरण है। A) अचल भार  B) चल भार  C) गतिज भार  D)वातावर्णीय भार   3- संरचनात्मक अस्थाई रूप से जोड़े जाते है। A) रिवेट जोड़  B) वोल्ट जोड़  C) वेल्ड जोड़  D) पिन जोड़  4- रिवेट की माप व्यक्त की जाती है। A) शैक व्यास  B)शीर्ष प्रकार  C)शैक लम्बाई  D) इनमे से कोई नहीं  5- गर्म चालित है। A) हस्त चालित रिवेट  B)शक्ति चालित रिवेट  C) शक्ति चालित फील्ड रिवेट  D) सभी  6- रिवेट सामान्यत: बनी होती है। A) ब्रास  B) टिन  C) इस्पात  D) कापर  7) जब प्लेटो के सिरे एक दूसरे के चढ़ाओ में हो तो जोड़ कहलाता है। A)लैप जोड़  B) बट जोड़  C) A और B दोनो  D) कोई भी नहीं  8-दो क्रमागत रिवेट के बीच की दूरी कहलती है। यदि वो बल की दिशा में हो तब  A) गेज दूरी  B) पिच  C) गेज रेखा  D) सभी  9- रिव...

Surveying part 3 MCQ

 1- The main principles of surveying is to work  A) from part to whole  B) from whole to part  C)from higher level to lower level  D) from lower level to higher level  2-On a diagonal scale ,it is possible to read up to  A) one dimension  B) two dimension  C) three dimension  D) four dimension  3- The slope correction for a length of 30 m along a gradient of 1 in 20 is  A) 3.75 cm  B) 0.375 cm  C)37.5 cm  D) 2.75 cm  4- Chain surveying is well adopted for  A) small area in open ground  B) small area with crowded details  C)Large areas with simple details  D) Large areas with difficult details 5- The smallest horizontal angle between the true meridian and a survey line is known  A) declination  B) Bearing  C) azimuth  D)dip  6- magnetic bearing of a survey line at any place  A) remains constant  B) changes systematically  C)varies differently in diff...

Surveying MCQ part 2

 1- क्षेत्र के आधार पर सर्वेक्षण निम्न में से कौन सा है। A) नगर सर्वेक्षण  B) आकाशीय या हवाई सर्वेक्षण  C) जरीब सर्वेक्षण  D) A और B दोनो  2- निम्न में दूरी नापने की विधि है। A) प्रत्यक्ष विधि  B) अप्रत्यक्ष विधि  C) A और B  D) इनमे से कोई नहीं 3- दिकसूचक का प्रयोग कहा किया जाता है। A) आरेखन में   B) दो बिंदु के बीच की दूरी ज्ञात करने में  C) ऊंचाई ज्ञात करने में  D) इनमे से कोई नहीं  4- एक फुट का मान है  A) 12 इंच  B) 0.3048 मीटर  C) 30.48 सेंटीमीटर  D) उपरोक्त सभी  4- किसी पैमाने से केवल दो माप ही पढ़े जा सकते है।ये पैमाना निम्न में से कौन सा होगा ?  A) विकर्ण पैमाना  B) साधारण पैमाना  C) वार्नियर पैमाना  D) उपरोक्त सभी  5- जरीब कितने प्रकार की होती है?  A) 5  B) 6  C) 8  D) 10  6- इंजिनियरिंग जरीब में कड़ीओ की संख्या होती है  A) 150  B)100  C) 16  D)50  7- जरीब की लम्बाई कम की जा सकती है। A) चपटे हो गए छल्लो को पुन: गोल क...

CMEAD chaper3 part5

  नेटवर्क बनाने के नियम।      ( Rules for Network Construction)  (1) इसमें तीर का प्रयोग संक्रिया को  प्रदर्शित  करने में किया जाता है।संक्रिया की अवधि का तीर की लम्बाई व मोटाई से कोई संबंध नही है। संक्रियाओ की अवधि को तीर के नीचे लिखा जाता है। (2) इसमें  प्रत्येक घटना को एक वृत द्वारा दिखाया जाता है। तीर के दोनो सिरे संक्रिय के अंत और आरंभ को दर्शाते है। तीर का पिछला सिरा संक्रिया का आरंभ तथा अगला सिरा संक्रिया की समाप्ति को दर्शाता है। (3) जब तक एक संक्रिया पूरी न हो जाए अगली घटना पर नही पहुंचा जा सकता है। (4) एक घटना के पहले की सभी संक्रियाये पूर्ण होने के बाद ही आगे की संक्रिया शुरू की जायेगी। (5)  इसमें नेटवर्क में तीर का प्रवाह बाए से दाएं की ओर रखा जाता है। (6) इसमें इस बात का ध्यान रखा जाता है। की नेटवर्क बंद नहीं होना चाहिए अर्थात कोई भी लूप नहीं बनना चाहिए।  (7) एक नेटवर्क में केवल एक आरंभ तथा एक समापन बिंदु होता है।इन दोनो बिंदुओ के बीच अनेक समांतर पथ हो सकते है। (8) कोई भी संक्रिया छूटनी नहीं चाहिए सभी संक्रिया अंतिम नोड...

Surveying MCQ part 1

 (1) The curvature of earth's surface is taken into account only if the extent of survey is more than  A) 80 sq km  B) 500 sq km  C) 269 sq km  D) 1500 sq km 2- Geodetic Survey is different from plane surveying because of  A) Very large area is covered B) The curvature of the earth is considered C) The topography is bad  D)The large difference of elevation. 3- Hydrographic survey deal with the mapping of  A) Large water bodies B) Rainfall data  C) Wave movement D) none of above  4-A survey which is observations of the heavenly bodies such as sun or any other fixed star is done,is known as  A) Celestrial survey B) Astrological survey  C) photographic survey  D) Astronomical survey  5-The survey in which the curvature of earth is ignored is called  A) plane survey  B) Geodetic Survey  C) Geological survey  D) Areial survey  6- The scale on which three dimensions can be measured is known as ...

steel structure MCQ part 1

  1- Main advantage of a steel members is that it  A)- has strength and long life  B)- cannot replace easily  C)- is water right and leak proof  D)- all of above  2- weight of steel per cubic meters is taken to be  A)- 7900kg  B)- 3000 kg  C)- 1200 kg  D)- 800 kg  3- The structure are   A)- means of transferring load to be the substructure  B)- used to resist external load and moment  C)- means of transferring forces and moments  D)- all of above are correct  4- the density of steel used in the structure members should be  A)-1 gm/mm3  B)- 6.4 gm/mm3  C)- 7.9 gm/mm3  D)- 13.6 gm/mm3  5- The percentage of carbon in structural steel  A)- 0.20 to 0.27%  B)- 0.70 to 0.80%  C)-1.20 to 1.27%  D)- 1.70 to 1.80%  6- A channel section consist of  A)- two webs  B)- two flange  C)- two webs and two flanges  D)- one web and two flanges 7- The size of ...

Compass survey part 2

  दिकसूचक का अस्थायी समायोजन( Temporary adjustment of compass) अस्थायी समायोजन  इसे दिकसूचक का स्टेशन समायोजन भी कहते है।इसमें मुख्य तीन क्रियाएं है। (1) केन्द्रण (Centering) दिकसूचक को ट्राइपॉड पर कसकर इसको स्टेशन के ठीक केंद्र बिंदु पर रखना केन्द्रण कहलाता है।केन्द्रण की जांच साहुल से या कंकर गिरा कर की जाती है। (2) समतलन(Levelling)  दिकसूचक का समतलन करने से आशंकित चक्री स्वतंत्र होके घूमती है।जिससे रीडिंग में त्रुटि नहीं आती है। समतलन की जांच करने के लिए एक पेंसिल को कांच ढक्कन पर चला कर समतलन की जांच कर ली जाती है। (3) प्रिज्म का फोकसन (Focussing of prism)  प्रिज्म को उपर नीचे खिसका कर इसको चक्री के ऊपर ऐसे सेट किया जाता है।की चक्री निशान आवर्धित हो सके और आसानी से पढ़े जा सके।   दिकसूचक प्रयोग करते समय सावधानियां ( Precautions to be taken when using the compass) दिकसूचक को प्रयोग करते समय निम्न सावधानियां रखनी चाहिए। (1) दिकसूचक स्थापन   दिकसूचक को ट्राइपॉड पर अच्छे से कस कर समतलन की जांच कर लेना चाहिए। ( 2) सूई का कम्पन  चुम्बकीय सूई की हरकत को ब...

Compass surveying part 1

  What is compass surveying? Type of compass . दिकसूचक सर्वेक्षण( compass surveying)  दिकसूचक सर्वेक्षण में सर्वे रेखाओं की दिशा और परस्पर क्षैतिज स्थिति ज्ञात की जाती है। इसमें जो दिशा ज्ञात की जाती है।वो किसी अन्य स्थिर रेखा के सन्दर्भ से ली जाती है। जब भूमि क्षेत्र काफी घना और बड़ा हो जिसके कारण इसे त्रिभुजों में बांटना ,संयोग व जांच रेखाएं डालना मुश्किल हो तो ऐसी जगह पर दिकसूचक सर्वेक्षण किया जाता है। दिकसूचक सर्वेक्षण में क्षेत्र को चारो ओर से घेरती हुई तथा एक दूसरे से क्रमण में सती हुई सर्वे रेखाये डाली जाती है। इनकी लम्बाई फीते से नाप लेते है और दिशा किसी स्थिर रेखा के सन्दर्भ में , किसी  कोण मापने वाले यंत्र से माप ली जाती है। चंक्रम (Traverse)  सर्वे स्टेशनो को मिलाने वाली रेखाओ से बने ढांचे को चंक्रम कहते हैं।जिनकी लम्बाई और दिशा दोनों ज्ञात हो । इसे माला रेखा अथवा बंधन रेखा भी कहते है। जब इन रेखाओं पर सर्वेक्षण का काम करते है तो उसे चंक्रमण कहा जाता है। चंक्रम के प्रकार(Types of Traverse)  सर्वेक्षण में चंक्रम दो प्रकार का होता है। (i) बन्द चंक्र...

CMEAD chapter 3 part 4

  नेटवर्क तकनीक (Network technique)  हम जानते है कि बार चार्ट केवल छोटे प्रोजेक्ट के लिए ही सही रहता है।जब परियोजनाये बड़ी और लम्बे समय तक चलने वाली हो तो वहा पर बार चार्ट उपयोगी नहीं रह जाता है।इसी कारण नेटवर्क तकनीक का विकास हुआ ।नेटवर्क तकनीक बार चार्ट से अधिक बेहतर तकनीक है।जिसकी मदद से कार्य को बेहतर तरीके से शुरू से समाप्ति तक संचालन किया जा सकता है। इसके अंतर्गत मुख्य दो विधियां है। (1) क्रान्तिक पथ विधि (Critical Path Method) (C.P.M  (2) कार्यक्रम मूल्यांकन तथा पुनरीक्षण विधि  (1) क्रान्तिक पथ विधि (Critical Path Method) (C.P.M) इस विधि के अनुसार विभिन्न क्रियाओं को एक जाल आरेख के रूप में दिखाया जाता है।जाल आरेख इस प्रकार होता है। कि इसे देखते ही परियोजना की पूरी रूप रेखा साफ हो जाती है।और इससे अलग अलग क्रियाओं का अनुक्रम और इसमें लगने वाले समय का अंदाजा हो जाता है। और ऐसी क्रियाये जिसके कारण परियोजना में देर हो सकती वो भी सामने आ जाती है जिससे प्रबंधक उसके ओर अधिक ध्यान दे सकता है।            क्रान्तिक पथ विधि का विकास डुपोन्ट क...

CMEAD part3 chapter 2

 निर्माण संक्रियाये   किसी परियोजना को पूरा करने के लिए अनेक उप संक्रियाये संपन्न करनी होती हैं। एक निर्माणधीन भवन को समान्यत: निम्नलिखित उपसंक्रियाओ में विभाजित किया जाता हैं (1) स्थल की सफाई व निशानदेही  (2) नीव की खुदाई  (3) नींव में कंक्रीट का कार्य  (4) नींव तथा प्लिंथ में चिनाई  (5) सील रोक रक्षा  (6) अधिरचना में चिनाई  (7) प्रबलित कंक्रीट कार्य  (8) छत कार्य  (9) दरवाजे तथा खिड़कियां  (10) नलकारी तथा स्वच्छता फिटिंग  (11) प्लास्टर व टीप कार्य  (12) फर्श डालना  (13) विद्युत फिटिंग  (14) पेंटिंग  (15) भवन का संबंधित विभाग को अंतरण  समय निर्धारण या अनुसूचन  अनुसूचन   सभी क्रियाओं को समय के अनुसार समयबद्ध करके इस प्रकार अनुक्रम में रखना की संपूर्ण कार्य एक व्यवस्थित ढंग से पूरा किया जा सके , अनुसूचन कहलाता है। अनुसूचन में संक्रियाओ के प्रारंभ तथा समाप्ति का समय निर्धारित किया जाता है। परियोजना का आयोजन करने के बाद इसके लिए अनुसुचन किया जाता है। आयोजन में क्रियाओं का क्रम और अनुसूचन में इनके...

Part 6 जरीब मापन में बाधाये

  फीता संशोधन,   tape correction,chain correction, error in tape measurements, error correction, type of error in tape measurements,type of error in tape ,Permissible limits of error जरीब मापन में बाधाये ,,,,,, कभी कभी जरीब से मापन करते समय जरीब रेखा के बीच बहुत सी बाधाये आ जाती है। जैसे ऊंचा टीला ,नदी ,नाला ,खाई तालाब ,झाड़ी ,दलदली भूमि भवन आदि। यदि इन बाधाओ से निकल पाना संभव न हो तो बाधाओ की दूरी अप्रत्यक्ष मापों से ज्ञात की जाती है।इन बाधाओ को हम निम्न श्रेणी में रख कर करते है। (1) आरेखन में बाधा  (2) जरीब मापन में बाधा  (3) आरेखन तथा जरीब मापन दोनो में बाधा    जब जरीब रेखा पर कोई ऊंचा टीला आ  जाए    जब जरीब  रेखा पर कोई ऊंचा टीला आ जाए तब दो स्थिति उत्पन हो सकती है।  स्थिति 1   यदि जरीब रेखा के दोनो छोर, उस पर स्थित किसी अंतरवर्ती बिंदु से दिखाई पड़ते है, तो अन्योन्य आरेखन विधि अपनाई जाती है।  स्थिति2   जब जरीब रेखा के छोर, उस पर स्थित किसी भी अंतरवर्ती बिंदु से दिखाई न दे। इस स्थिति में जरीब मापन की विधि निम...